मिलके देश बचाईं.........
साहित्यमिलके देश बचाईं......... ✍🏻 बिजेन्द्र कुमार तिवारी (बिजेन्दर बाबू) सुनुगत बा नफरत के आगी, मिलके चलीं बुताईं …
मिलके देश बचाईं......... ✍🏻 बिजेन्द्र कुमार तिवारी (बिजेन्दर बाबू) सुनुगत बा नफरत के आगी, मिलके चलीं बुताईं …
सवनवा अजबे आग लगावे... ✍🏻बिजेन्द्र कुमार तिवारी सवनवा अजबे आग लगावे... बिन प्रियतम के हिय भितरिया हुक उठे कुहुकावे.…
भोजपुरी साहित्य विकास मंच के ओर से अरुणेश नीरन के श्रद्धांजलि सभा आयोजित, कहल गइल – "भोजपुरी के एगो सदी खतम हो गइ…
कुकुर गाय पर भारी बा....... ✍️बिजेन्द्र कुमार तिवारी (बिजेंदर बाबू) देखऽ आज समाज में फइलल कइसन बड़ बे…
कइसन रिवाज: नियम ना नीयत... ✍️बिजेन्द्र कुमार तिवारी (बिजेन्दर बाबू) जियता में जिव जार के, जिये अकारथ जीव। मुअते वि…
गँउवा के याद में ✍️प्रिया पाण्डेय "रोशनी" पियाजी हमार अँखिया लोर से भर जाता, गउवा के याद में छलक -छलक जाता…
पाछे तू पछतइबऽ...... ✍️ बिजेन्द्र कुमार तिवारी (बिजेन्दर बाबू) जइसन करबऽ करम ए बाबू, ओइसन फल तू पइबऽ कइल तू सत्कर्म नाह…
शराब ✍️ बिजेन्द्र कुमार तिवारी बड़ा प्यार से काबू कइलस, सादर नेह लगाई सच्चा नेह लगा के लिहलस आपन हमें बनाई …
मनभावन कातिक मास! ✍️ बिजेन्द्र कुमार तिवारी सरस सुहावन पावन बा, मनभावन कातिक मास। ना ठंढी बा हाड़ कँपावत, ना गर्मी के …
निमन रहे डाँड़ार के रहिया, निमन आपन गाँव। ✍️ बिजेन्द्र कुमार तिवारी (बिजेन्दर बाबू) निमन रहे डाँड़ार के रहिया, निमन आ…
चारवाही करे जाईले ✍️ बिजेन्द्र कुमार तिवारी (बिजेन्दर बाबू) हरियर-हरियर घास जंगल झड़ियन में पाईले , जहिया …
महापंडित राहुल सांकृत्यायन जी के जयंती पर भी एम.एच.हाई स्कूल सिवान में अपनी रचना सादर समर्पित करते हुए ✍🏻बिजेंद्र कुमा…
ए जाजमानी तहरा सोने के काँवाड़ी..... ए जाजमानी तहरा सोने के काँवाड़ी, दुगो फूस दऽ..... बसंत पंचमी के दिन से इ अवा…
रचना 💐विजेंद्र कुमार तिवारी (बिजेन्दर बाबू) मोब.7250299200 👌 रोटी-पानी धरम ना होला रोटी के, नाहीं पानी क…
केहु भाई के कहल घटना पर आधारित:- कुटा गइनी...... दादा रे दादा लूटा गइनी, मेहरी के हाथे कुटा गइनी। मेह…
एगो हाल के कइल हामार खोज:- बिजेन्द्र कुमार तिवारी (बिजेन्दर बाबू) ********* 10गो कुटनी - 1गो घरघुसनी 10गो घरघुसनी- 1…
हरदम मुस्कुराइले.. बिजेन्द्र कुमार तिवारी (बिजेन्दर बाबू) ________________ पहचान बनावे …
◆ होइहें अंजोर : बिजेन्द्र कुमार तिवारी ◆ * कहिया दिन पलटिहें, होई हामरा घरे भोर। …