कुटा गइनी......
दादा रे दादा लूटा गइनी,
मेहरी के हाथे कुटा गइनी।
मेहर के भके भइल साली से खेला।
एही खेला में भइल बाड़का झमेला।।
झाड़ू से खूबे सूटा गइनी।
मेहरी के हाथे कुटा गइनी।।
जवन ना करेके तवन करवलस।
कोरोना मुदइया, इ बाड़ा भरमवलस।।
मास्के के माथे भुटा गइनी।
मेहरी के हाथे कुटा गइनी।।
लोग कहे भ गइल बाड़का कुकरम।
का जाने कइसे नाशा गइल धरम।।
स्वागत से सबके जुटा गइनी।
मेहरी के माथे कुटा गइनी।।
साफ नहीं दिखल मुँह रहे तोपाइल।
मेहरी भके में साली धाराइल।।
सुन बाबू बिजेंदर गुटा गइनी।
मेहरी के हाथे कुटा गइनी।।
बिजेन्द्र कुमार तिवारी
(बिजेन्दर बाबू)