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अइसन लोग से अब बचल बहुत मुश्किल हो गइल बा....

भोजपुरी रोजाना 0
एगो हाल के कइल हामार खोज:-
बिजेन्द्र कुमार तिवारी (बिजेन्दर बाबू)
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10गो कुटनी - 1गो घरघुसनी
10गो घरघुसनी- 1गो लतिहर
10गो लतिहर- 1गो थेथर
10गो थेथर- 1गो लांहा
10गो लांहा- 1गो बेहाया
10गो बेहाया:- 1गो हाही बेहाया
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    आके हे भगवान....  
              
एगो घर घुसनी के भइया,
दस कुटनिन जस जानीं।
दसगो घर घुसनी से बड़का,
एक लतिहर की मानीं।।
               
दस गो लतिहर मिलके 
एगो थेथर होलें भाई।
ई सब लोगवा तबे मानी,
जब केहू लतियाई।।
                 
दस गो लतिहर मिलके एगो, 
लांहा सुनी कहालें।
लतिहर थेथर लोग के बीचे, 
हरदम पूजल जालें।।
                 
दसगो लांहा मिलके सुनलीं, 
होले एक बेहाया।
इज्जत के ना चिंता इनके, 
नाहीं धरम ना दाया।।
                 
लाजो के लाजवावस,
कबहूँ ना कबो लजाले।
लांहा थेथर सबके बीचे,
समरथ पुरुष कहालें।।
                  
लाज डर ना होंगे इनके, 
हरदम बनस शेर।
सारा नैतिक काम बिगाड़स,
करस बात अनेर।।
                   
एह लोगन के गुरु उहे, 
जेकरा धरम ना दाया।
दस बेहाया मिलके बनस, 
एगो हाहि बेहाया।।
                     
नइहर ससुरा के इज्जत इहो 
दूनूँ हाथ लुटावस।
क्रियाहीन लोगन के बीचे, 
खूबे आदर पावस।।
                      
नेह धरम ना होला इनके, 
खाली गाल बजावेली।
अधम लोग के साथ मिलाके, 
सज्जन के धमकावेली।।
                   
कहस बिजेन्दर एह लोगन से, 
बचल ना आसान।
एह लोगन से रक्षा करीं,
आके हे भगवान।।
                 

बिजेन्द्र कुमार तिवारी
🙏बिजेन्दर बाबू🙏
गैरतपुर माँझी 
सारण बिहार
मोबाइल नंबर:-7250299200

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