कइसन रिवाज: नियम ना नीयत...
✍️बिजेन्द्र कुमार तिवारी (बिजेन्दर बाबू)
जियता में जिव जार के, जिये अकारथ जीव।
मुअते विधि विधान से, लोग पियावे घिव।।
भोजन पानी बीन जिव कलपे, मधुर वचन बिन कान।
मुअते घंट में पानी देई, सुनावत गरुण पुराण।।
जियत चले ना देवे कहियो, लङ्ही मार गिरावे।
मुअते नाया वस्त्र पेन्हा के, कान्हे लोग उठावे।।
जियत करे आन्हार जे जिनगी, मुअते दिया जरावे।
जियत जे पोथी छोड़वावल, मुअते वेद पढ़ावे।।
बा कइसन संतान ए भइया, कइसन रिस्ता नाता।
जियत में ना नेह जुड़ावे, मुअते बनेला दाता।।
भोजन-पानी, दवा वस्त्र जे जिनगी जियत सम्हारी।
मुअत समय उ कलप आत्मा, ओकरे नाम उचारी।।
जियत में सम्मान करे जे, हरदम राखे ध्यान।
मुआला पर ओकरे खातिर बा, सँउसे विधि-विधान।।
सुनऽ बिजेन्दर नियम ना नीयत हरि ध्यान धरेलें।
जे शुभ नीयत नेह लगावे, ओकरे मान करेलें।।
बिजेन्द्र कुमार तिवारी (बिजेन्दर बाबू)
गैरतपुर, माँझी, सारण, बिहार , मो. 7250299200

