केकर चरण पूजाई!
बिजेन्द्र कुमार तिवारी
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आचरण जेकर उत्तम होई,
ओकरे चरण पूजाइ।
कर्महीन अविवेकी लोगवा,
भँवर में डूबल जाई।।
करम करे जे नेक समाज में,
उहे उत्तम लोग।
धन दउलत के बात ना कवनो,
इ ह बस संयोग।।
धन से धरम करे जे प्राणी,
सज्जन देव कहालें।
मुअलो पर उ एह समाज में,
हरदम पूजल जालें।।
जे जइसन बोई भइया,
उहे फल उ पाई।
करी अनैतिक काम उ जग में,
हरदम नीच कहलाई।।
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बिजेन्द्र कुमार तिवारी
🙏बिजेन्दर बाबू🙏