●● का होइ ई देसवा के ●●
का होइ ई देसवा के
जब नेता लोग
ना सुधरे के
कसम खइले बा,
जब सोझ राह
छोड़ के
टेढ़े धइले बा।
नेता लोग त
जवन बा बरले बा,
लोगवो त लोगवा के
चैन हरले बा।
अब त भगवाने मालिक
बारन एह देश के,
साबूत त ओ राइए गइल
बेंच खइहें अवशेष के।
अजय सिंह अजनवी
छपरा