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का कहीं.. जिनगी नरक भईल

भोजपुरी रोजाना 0

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का कहीं.. जिनगी नरक भईल

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जिनगी नरक भईल बा जबसे,

 छाया पड़ल कुनार के।

घर के भीतर चैन ना आवे, 

बतिया कही विचार के।।


देह से नेह बढ़े ना तनिको,

 ना निमन संस्कार बा।

मन के हाल बताईं का अब, 

बदलत मोर विचार बा।।


रूप सगुन ना देह सगुन, 

ना सगुन बनल सिंगार के।

तोपी-ढाँपीं कबले भइया, 

बतिया कहीं उघार के।।


कहस बिजेंदर एह जिनगी के, 

लूटल सुख संसार बा।

दिल के हाल बताईं का अब, 

बदलत मोर विचार बा।।


बिजेन्द्र कुमार तिवारी (बिजेंदर बाबू)

सम्पादक  साहित्य विभाग

भोजपुरी रोजाना

पता : गैरतपुर, मांझी ,सारण, बिहार

मोबाइल नंबर:- 7250299200

www.bhojpurirojana.blogspot.com




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