जिनगी तमाशा बन गइल बा
आज कल जिनगी
एकदम तमाशा बन
गइल बा ।
आज आपन के बा
बेगाना के बा समझल
बड़ा मुश्किल हो बा
आज ना घर में चैन बा
ना बाहर बा लागत बा
ई कोरोना सभका से
यूँही दूर कर दीं
आज ई हाल बा की
आपनो कोई कोरोना
से मरत बा त चार को
कंधा मिलल मुश्किल बा
जब आपन सटते नइखे ।
तो बाहर के लोग से
का उम्मीद से उम्मीद
करल एकदम बेकार बा
सरकार के कौनो परवाह
परवाह नइखे अपने से
बचें के बा जबले बा जिनगी
यैसे ही झेले के बा।
■
अजय सिंह ' अजनवी'
छपरा (बिहार)