सारण (बिहार): देश के आर्थिक राजधानी मुम्बई में आवे वाला तेरह फरवरी के अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के राष्ट्रीय अधिवेशन आहूत कइल गइल बा। समिति के राष्ट्रीय महासचिव महफूज खान आउर दिलशाद अहमद खान के अगुवाई में मुम्बई में होखे वाला समिति के राष्ट्रीय अधिवेशन आउर राष्ट्रीय कार्यकारिणी के बईठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई जिगनेश कलवाडिया के अलावा देश भर से सभे पत्रकार प्रतिनिधि आउर महाराष्ट्र के जिला आ तहसील से सगरी पत्रकार आ मीडिया कर्मी भाई लोग शामिल होइ। मुम्बई में होखे वाला एबीपीएसएस के बईठक ऐतिहासिक होइ। एह बईठक के ऐतिहासिक होखे कारण भी बा। बतावत चली की दु अक्टूबर 2023 गांधी जयंती के मौका पर गुजरात के पोरबन्दर से एह संगठन के देशब्यापी पत्रकार सुरक्षा रथयात्रा निकले वाला बा। ओहि रथयात्रा के तैयारी पर सब लोग इकट्ठा हो के मंथन करी लोग आ रथयात्रा के रूट चार्ट तइयार कइल जाइ। संगठन से जुड़ल पत्रकार लोग देश भर में रथयात्रा के माध्यम से घूम घूम के अलगे अलगे संगठन में बंटल पत्रकार लोग के एकजुट आ गोलबंद करे खातिर ई यात्रा मील के पत्थर साबित होइ। दिसम्बर महीना में रथयात्रा के समापन पर दिल्ली में एगो बड़का आंदोलन के शंखनाद होइ।
पत्रकार सुरक्षा यात्रा हमनी के यूपी बिहार के भोजपुरिया भाषी पत्रकार लोग के बीच से भी गुजरी। रउआ सभन के बता दीं की गुजरात के रहे वाला समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष भाई जिग्नेश कलवाडिया के नेतृत्व में करीबन छह बरिस से ई संगठन देश भर में पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करे खातिर सम्मेलन आउर बईठक करके पत्रकार लोग के जगावे के काम कइले बाड़े। गुजरात के राजकोट आउर गांधी नगर छतीसगढ़ के विलासपुर आउर सारंगढ़ मध्यप्रदेश के इन्दौर के अलावा दिल्ली लखनऊ कुशीनगर आ पटना में सम्मेलन कर के ई संगठन राज्य सरकार के साथे साथे केन्द्र में बईठल मोदी सरकार के भी अपना ताकत के अंदाजा करा चुकल बा। एह संगठन में 50 हजार से जादे पत्रकार लोग जुड़ल बाड़े। ई अब संगठन ना बल्कि एगो बड़का परिवार बन के पत्रकार लोग के स्वाभिमान बन चुकल बा। संगठन से जुड़ल पत्रकार लोग लगातार प्रिंट मीडिया इलेक्ट्रॉनिक मीडिया आउर सोशल मीडिया के जरिये सरकार से पत्रकारिता के मापदंड निर्धारित करे के मांग कइले के अलावा पत्रकार लोगन के आर्थिक सामाजिक आ संवैधानिक अधिकार पत्रकार सुरक्षा कानून के मांग करते आ रहल बा लोग। संगठन के पत्रकार लोग के लगातार आंदोलन चलावत रहल से सरकार में बइठल नेता लोग घबरा गइल बा।
सरकार भी बुझता की पत्रकार समुदाय बड़ा जुझारू होला। नेता लोग के जेहन में डर सामाइल बा कि संविधान के चउथा स्तम्भ कहाये वाला देश के पत्रकारन के मांग पूरा ना कइला पर अब ई हमनी के छाती पर चढ़ के मूंग दरिहे सन। संगठन के मुखिया जिग्नेश कलवाडिया के बड़ा साफ सुथरा कहनाम बा कि पत्रकार सुरक्षा कानून के लड़ाई खाली चौथा स्तम्भ के लड़ाई नइखे। ई लड़ाई अब एक अरब 42 करोड़ लोगन खातिर बनल लोकतंत्र के बचावे के आंदोलन बा। रउरा सब जानतानी की सरकार पत्रकार के आजादी पर लगाम लगावे के असफल प्रयास करतिया। रउरा सब मालूम बा की लोकतंत्र पर जब जब संकट आइल बा तब तब भोजपुरिया माटी में पैदा भइल लोग कभी बाबू कुँअर सिंह कभी राजेन्द्र प्रसाद आ जरूरत पडला पर लोकनायक जय प्रकाश बनके इतिहास रचे के काम कइले बा लोग। जरूरत पडला पर पत्रकार समुदाय दधीचि बन के अपना हड्डी तक के दान कई दिहलस।पत्रकार जगत अपना अस्तित्व के अंतिम लड़ाई लड़ रहल बा। तनिको चूक होइ त लोकतंत्र खतम हो जाई। पत्रकार लोग आपन लड़ाई में जहिया फतह पा ली उ दिन लोकतंत्र के एगो स्वर्णिम इतिहास लिखी। देश भर में फ़ईलल सब हिंदी अंग्रेजी संस्कृत आ उर्दू बंगला भाषा के साथे साथे भोजपुरिया माटी से जुड़ल पत्रकार साथी लोग से निहोरा बा कि देश के सबसे बड़ा आउर केन्द्र सरकार के श्रम संसाधन मंत्रालय से रजिस्टर्ड पत्रकार संगठन एबीपीएसएस से जुड़ के ना सिर्फ पत्रकारिता बल्कि देश में स्थापित लोकतंत्र के बचावे खातिर एगो नया इतिहास बनाई ताकि आवे वाला समय में पत्रकार लोगन के वाजिब हक मिल सके। आ आवे वाला पीढ़ी के पत्रकार लोगन खातिर प्रताड़ना मुक्त एगो खुशनुमा माहौल तईयार कइल जा सके। रउआ सभन से इहे निहोरा बा।

