Type Here to Get Search Results !

तोहरे हीं आशीष से मइया,सकल मनोरथ पाइले।

भोजपुरी रोजाना 0
तोहरे हीं आशीष से मइया,
सकल मनोरथ पाइले।।

 बिजेन्द्र कुमार तिवारी. 

◆◆
हे सरयु महरानी तोह के,
बेर-बेर गोहराइले।
तोहरे हीं आशीष से मइया,
सकल मनोरथ पाइले।।
                      
पावन निर्मल धार बहेला,
जे सबके हुलसावे।
शरण रहे जे जीव जगत के,
सकल मनोरथ पावे।।
                        
कलकल छलछल धार बहेला,
जे सबके हु‌लसावे।
तोहरा पावन दर पर आके,
पापी भी तर जावे।।
                        
तोहरा दुनूँ किनारा पर तऽ,
कई गो शहर बसल बा।
ऋषि गौतम के,
प्रभु राम के, बहुते धाम बनल बा।
                         
जे भी तहरो ध्यान धरी,
उ सकल मनोरथ पाई।
एह जग में सुख पाके माई,
भव सागर तर जाई।।
                           
तोहरा माटी के प्रभाव से,
जनम कृतारथ भइले।
जटाधारी अरू द्विज यदुवंश जी,
परम गति के पइले।।
                             
अब बिजेन्द्र शरणागत होके,
सादर शीश झुकावे।
अन्त समय अपनइह माई,
इहे नित गोहरावे।।
                 
            ✍️ बिजेन्द्र कुमार तिवारी
🙏बिजेन्दर बाबू 🙏
गैरतपुर, माँझी
छपरा, बिहार 
मोबाइल नंबर:- 7250299200

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.