भोजपुरी जरूरी बा : प्रिया पांडेय 'रौशनी'
भोजपुरी भाषा भारतवर्ष के लगभग 50 हजार वर्गमील से भी बड़ भू-भाग के व्यवहारिक, साहित्यिक आ सांस्कृतिक महत्व के समृद्ध भाषा बिया।भोजपुरी भाषा के संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल कइल बेहद जरूरी आ औचित्यपूर्ण बा। एकरा पीछे 9 गो प्रमुख आधार बा जवना के इहा चर्चा बा :-
1) भोजपुरी लगभग 25 करोड़ लोगन के मातृभाषा बिया।
2) भोजपुरी भाषा के जड़ लगभग हजार बरिसन से भी पुरान बा। भोजपुरी भाषा के साहित्य लिखित आ मौखिक रूप में विपुल मात्रा में उपलब्ध बा,जेकर संरक्षण, संवर्धन आ भावी पीढ़ी के हस्तान्तरण हमनी के दायित्व बा।
3) भोजपुरी भाषी समाज आ भोजपुरी साहित्य के स्वाधीनता संघर्ष में महत्वपूर्ण योगदान रहल बा।
4) देशी भाषा गवार लोगन के बोली ह ई छवि औपनिवेशिक मानसिकता से निर्मित बा।
5) ई दलील कि भोजपुरी के विकास से हिन्दी के नुकसान पहुँची कपोल कल्पना,भरम आ औपनिवेशिक मानसिकता के उपज बा।एकरा उलट सच्चाई ई बा कि भोजपुरी के विकास से हिन्दी के विकास के गति आ दिशा मिली। आखिर हिन्दियो के खाड़ त भोजपुरिये कइले बाड़न।
6) कई गो देशी-विदेशी विद्वानन द्वारा भोजपुरी व्याकरण,शब्दकोश के रचना कइल गइल बा। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय सहित देश के कई गो विश्वविद्यालयन में भोजपुरी के पठन-पाठन हो रहल बा।बिहार,दिल्ली,मध्यप्रदेश में भोजपुरी अकादमी के स्थापना हो चुकल बा आ अब उत्तरप्रदेश में भी भोजपुरी अकादमी के स्थापना के रास्ता खुलल बा।भोजपुरी के समकालीन लेखन विभिन्न पत्र-पत्रिकन के माध्यम से सामने आ रहल बा।
7) मॉरीशस सरकार द्वारा पाँच बरिस पहिले ही भोजपुरी के सरकारी भाषा के दर्जा प्रदान कइल गइल बा आ भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन के स्थापना भी कइल गइल बा। नेपाल में भोजपुरी प्रमुखता से तीसर भाषा बिया।अइसना में बहुत दुर्भाग्य के बात बा कि अपने देश में भोजपुरी के मान-सम्मान ना मिलल।
8) भारत सरकार द्वारा 1964 में गठित कमिटी द्वारा भाषा खातिर जवन पाँच गो मापदंड तय कइल गइल रहे,ओकरा के भोजपुरी पूरा कर रहल बिया।
9) देश आ दुनिया के शिक्षाविद लोगन के राय में समझ के सबसे बेहतर माध्यम मातृभाषा बा। यूनेस्को द्वारा मातृभाषा में प्रारंभिक शिक्षा देवे के उपयोगी बतावल बा। यूनेस्को द्वारा कई बरिस पहिले ही भारत सरकार के एह सम्बन्ध में प्रस्ताव भेजल बा। भोजपुरी भाषा के आठवीं अनुसूची में शामिल कइला से 25 करोड़ भोजपुरी भाषा-भाषियन में खाली आत्मगौरव के संचार ही ना होई बलुक मातृभाषा के माध्यम से बेहतर समझ विकसित होई आ उ देश के विकास में कही जादे रचनात्मक योगदान कर पइहन।
उपरोक्त 9गो बिन्दु भोजपुरी के संविधान के आठवीं अनुसूची में शामिल करावे खातिर पर्याप्त आधार बा।

